"राम जन्मोत्सव"
दशरथ जी के धाम अवध बधाई बाजे ।
जनमे जगत हित रघुवर श्री राम ।।ध्रुव।।
सुनि सुनि धाये आये वाचक गुणि ग्रा हो रामा ।।१।।
जेहि जो मनोरथ रहे तेहि पूरे सो काम हो रामा ।।२।।
सुर नर नाग लोक हरखित तिहु ठाम हो रामा ।।३।।
"लछना" आनंद मन दुख दुर्जन धाम हो रामा ।।४।।
दशरथ जी के धाम अवध बधाई बाजे ।
जनमे जगत हित रघुवर श्री राम ।।ध्रुव।।
सुनि सुनि धाये आये वाचक गुणि ग्रा हो रामा ।।१।।
जेहि जो मनोरथ रहे तेहि पूरे सो काम हो रामा ।।२।।
सुर नर नाग लोक हरखित तिहु ठाम हो रामा ।।३।।
"लछना" आनंद मन दुख दुर्जन धाम हो रामा ।।४।।
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