चन्दा जनि उग आजुक राति !
पिया के लिखिअ पठाओब पांति !१!
साओन सएँ हम करब पिरीति !
जत अभिमत अभि सारक रिति !२!
अथवा राहु बुझाओब हंसी !
पिबि जनु उगिलह सीतल ससी !३!
कोटि रतन जलधर तोहें लेह !
आजुक रमनि धन तम कय देह !४!
भनइ विद्यापति सुभ अभिसार !
भल जल करथइ परक उपकार !५!
पिया के लिखिअ पठाओब पांति !१!
साओन सएँ हम करब पिरीति !
जत अभिमत अभि सारक रिति !२!
अथवा राहु बुझाओब हंसी !
पिबि जनु उगिलह सीतल ससी !३!
कोटि रतन जलधर तोहें लेह !
आजुक रमनि धन तम कय देह !४!
भनइ विद्यापति सुभ अभिसार !
भल जल करथइ परक उपकार !५!
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