जौवन रतन अछल दिन चारि !
से देखि आदर कमल मुरारि !१!
आवे भेल झाल कुसुम रस छूछ !
बारि बिहून सर केओ नहि पूछ !२!
हमर ए विनीत कहब सखि राम !
सुपुरुष नेह अनत नहि होय !३!
जावे से धन रह अपना हाथ !
ताबे से आदर कर संग-साथ !४!
धनिकक आदर सबतह होय !
निरधन बापुर पूछ नहि कोय !५!
भनइ विद्यापति राखब सील !
जओ जग जिबिए नब ओनिधि भील !६!
से देखि आदर कमल मुरारि !१!
आवे भेल झाल कुसुम रस छूछ !
बारि बिहून सर केओ नहि पूछ !२!
हमर ए विनीत कहब सखि राम !
सुपुरुष नेह अनत नहि होय !३!
जावे से धन रह अपना हाथ !
ताबे से आदर कर संग-साथ !४!
धनिकक आदर सबतह होय !
निरधन बापुर पूछ नहि कोय !५!
भनइ विद्यापति राखब सील !
जओ जग जिबिए नब ओनिधि भील !६!
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